रविवार, 24 मार्च 2013

ख़ूबसूरत लोग

कई ख़ूबसूरत लोगों के लिये अक्सर दुआ करता हूँ
इन्हें इसका आधा ही ख़ूबसूरत इंसान बनाया होता

ऐ ख़ुदा इन सभी को तूने सुन्दर सूरत के साथ साथ
इंसानी सीरत और तमीज़ का इल्म भी दिया होता

उस पर भी मुझसे क्या दुश्मनी थी आख़िर तेरी
कम से कम मेरा दोस्त रिश्तेदार न बनाया होता

शनिवार, 23 मार्च 2013

गधे को बाप बना ले

कहने को सभी को एक दूसरे ख्याल है
फिर भी ज़ेहन में बस रहा कोई मलाल है
आखिर खून है तो रंग कैसे न मिलेगा
जहाँ रिस रहा पीठ में लगा हर घाव है

गधे को अपना बाप बनाने की होड़ में
अपना उल्लू सीधा करने की जुगाड़ में
है कुछ इस तरह का आलम अब यहाँ
दिल में लगा खुदगर्ज़ी का बाज़ार है

शुक्रवार, 22 मार्च 2013

रोहन

"ज़िन्दगी अचानक बहुत सारी गुज़र गयी
रोहन की बारवीं की परीक्षा ख़त्म हो गयी
अभी कल ही तो स्कूल में दाख़िल हुआ था
और देखो अब कॉलेज की तैयारी हो गयी"

शनिवार, 2 मार्च 2013

बंद करो

बहुत हुआ अब आग लगाना बंद करो
अपने ही घरों में सेंध लगाना अब बंद करो

अफवाहों को लगाम देने के साथ साथ
इधर की उधर करना अब बंद करो

ताश के पत्ते हैं और है केरम लूडो भी
छल कपट का खेल खेलना अब बंद करो


अपने दो टके के अहम् की जीत के लिए
अपने बच्चों का घर उजाड़ना अब बंद करो

प्यार मोहब्बत के अनमोल एहसासों को
खोटी अशर्फियों में तोलना अब बंद करो

खून में मिली नेतागिरी से देश संवारो
अपने ही खून से नेतागिरी अब बंद करो

घर के ही लोगों को छोटा बता कर
अपने कद का परचम लहराना अब बंद करो

नज़र आती हैं साफ़ चालाकियां तुम्हारी
बेकार में मुखोटे लगाना अब बंद करो

तुम को आदत होगी विष पीकर जीने की
अपनों के जीवन में ज़हर घोलना अब बंद करो

अगर मुमकिन नहीं ये तुमसे "राजीव"
बेलगाम घर से निकलना अब बंद करो