मंगलवार, 11 सितंबर 2012

महादेव

तुलसी इस संसार में देवों के देव महादेव पधारे हैं
अपनी पूरी कहानी फिर सुनाने महादेव पधारे हैं
हर शाम अपनी महिमा से संसार को मोह लेने
और पूरे परिवार को साथ जोड़ने महादेव पधारे हैं

यूँ तो बड़े, बूढ़े, बच्चे, जवान सभी उन पर रीझे हैं
महिलाओं के मन उन पर खास तौर से ही रीझे हैं
वैसे भी एक अच्छे वर का वही तो देते हैं वरदान
इस बार मगर स्त्रियों के मन महादेव पर ही रीझे हैं

शरीर पर भस्म, रुद्राक्ष और शेर की खाल लपेटे हुए
हाथ में त्रिशूल, डमरू और गले में सर्प लपेटे हुए
अपनी भोली मुस्कान के साथ ऐसा जादू है कर दिया
महिलाऐं घूम रही हैं उन्हें ख्वाबों ख्यालों में लपेटे हुए

मनुष्य के जिस शरीर में महादेव ने खुद को रचा है
सभी महिलाओं को वो शरीर अंग अंग खूब रचा है
पार्वती की जगह खुद को महादेव के संग सोच कर
कैलाश से धरती तक उनसे मिलन का स्वांग रचा है

रविवार, 9 सितंबर 2012

ठाकरे

पाकिस्तान को ठीक कर देंगे, अमेरिका चीन को ठीक कर देंगे
बिहार और यू पी को ठीक कर देंगे, पूरे देश को ठीक कर देंगे
कहता है ये ठाकरे परिवार का मुखिया, बेटा, पोता, भतीजा
'हमारा बस चले तो पूरी दुनिया को मराठी माणूस कर देंगे'

विश्वास नहीं होता पिछली तीन पीढ़ी से इनका यही राग है
दुनिया कहाँ से कहाँ पहुँच गयी मगर इनका बस यही राग है
शेर की ख़ाल में छुपे इस रट्टू तोते की यही है असली कहानी
सियासत हो या हो विपक्ष की कुर्सी, हर हाल में यही राग है

पिछले तीस साल में तुम इतना सा काम नहीं कर पाए
मुंबई में लोकल ट्रेन की भीड़ के हालात नहीं सुधार पाए
आखिर किस मूंह से कहते हो इस देश को ठीक कर दोगे
तुम तो अपने वोट बैंक का जीवन यापन नहीं सुधार पाए

अगर इतना ही ताकत है बाजुओं में तो मैदान में आओ
ज्यादा नहीं बस ज़रा से दो काम मुंबई में कर के दिखाओ
ऑटो सही मीटर से चलवाओ, जहाँ जाना हो वहां चलवाओ
और इस शहर से गन्दगी का नामो निशाँ मिटा कर दिखाओ

भाई भतीजावाद में सिर्फ कुर्सियों के लिए हाथ न मिलाओ
मिल कर मुंबई को दुनिया का सबसे खूबसूरत शहर बनाओ
मुझे यकीन है तुम्हारे एक इशारे पर ये काम मुमकिन है
अपनी संस्थाओं को एकता और अखंडता का पाठ पढाओ

गुरुवार, 6 सितंबर 2012

डाक्टरी

तुलसी इस संसार में डाक्टर की है महिमा न्यारी
इलाज के नाम पर क्या खूब चल रही दुकानदारी
चल रही दुकानदारी, आसानी से दवा नहीं मिलती
डाक्टर की तय दुकान के सिवाय कहीं नहीं मिलती

एक डाक्टर दूसरे का बताया इलाज नहीं मानता
कोई टेस्ट, कोई रिपोर्ट, कोई बात ही नहीं मानता
बात ही नहीं मानता, न समझता किसी की मजबूरी
मरीज की जेब काट कर भर रहा है अपनी तिजोरी

समाज के हर पहलू की तरह ये भी भ्रष्ट हो गया है
सबसे कुलीन कार्य, व्यापार और धंधा बन गया है
धंधा बन गया है, बिक रही है कौड़ियों में शर्म सारी
चिकित्सकों की लालसा है देश की सबसे बड़ी बीमारी