शनिवार, 1 जनवरी 2011

नया साल मुबारक हो

बड़ों पर खीजने से पहले,
उनकी मोहब्बत का लिहाज़ हो.

छोटों को नसीहत से पहले,
उनकी छोटी उम्र का ख्याल हो.

बच्चों पर चिल्लाने से पहले,
अपने बचपन कि नादानी याद हो.

वजह बेवजह उलझने से पहले,
अपने इंसान होने का एहसास हो.

औरों पर ऊँगली उठाने से पहले,
दामन का दाग़ नज़र में हो.

नफरत कि आग में जलने से पहले,
ईमान और मोहब्बत से काम हो.

औकात किसी की आंकने से पहले,
वक़्त के खेल का सबब याद हो.

इन सब के साथ और ख़ुदा से पहले,
हर ग़रीब की हिफाज़त और सम्मान हो.

ख़ुदा से किसी शिकवे से पहले,
कुबूल हुई दुआओं का शुक्रिया अदा हो.

बस इतनी सी गुज़ारिश और दुआ से पहले,
आप सभी को नया साल मुबारक हो.

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