मोहब्बत है हवाओं में, इश्क का बिखरा खुमार है
पंचमी बसंत की मानते थे पहले
कुछ सालों से नया रिवाज़ है
मोहब्बत के मसीहा की सौगात को कहते हैं वैलेंटाइन डे
दूर परदेस में शुरू हुआ, अपनाया हमने बड़ी खुशी से
इसी बहाने प्यार का इज़हार हो जाए
जुबां पर रुकी वो बात हो जाए
अब तक इन्कार ही टकराया तो क्या हुआ
इस दफा शायद इकरार हो जाए
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