श्रावण की अष्टमी थी
रोहिणी नक्षत्र था
घनघोर बारिश थी
कारागार का कमरा था
आधी रात के करीब
श्री कृष्ण का जन्म हुआ था
देवकी की उलझन थी
कसौटी पर ममता थी
बच्चे को आखिर बचाना था
यशोदा को माँ कहलाना था
ऐसी अनहोनी के बीच
श्री कृष्ण का जन्म हुआ था
विधि का विधान नियत था
रक्षा बंधन से आठवा दिन था
देवकी वासुदेव का आठवा बच्चा था
मामा का वध करने जन्मा था
कंस के अत्याचारों का अंत करने
श्री कृष्ण का जन्म हुआ था
एक माँ की कोख धन्य होनी थी
एक निहाल न्योछावर होनी थी
राधाकिशन एक नाम होना था
रुक्मणी को भी पत्नी बनना था
रासलीला से अपनी रिझाने
श्री कृष्ण का जन्म हुआ था
मुरली की धुन से मोह लेना था
ग्वालों के साथ गाय चराना था
यदुवंशियों का मान बढ़ाना था
द्वारका और जग उद्धार करना था
गोवर्धन परबत उठाने के लिए
श्री कृष्ण का जन्म हुआ था
दुर्योधन को धूल चटानी थी
द्रौपदी की लाज बचानी थी
युद्ध का रुख सही रखना था
अर्जुन का सारथी बनना था
गीता का अनमोल पाठ पढ़ाने
श्री कृष्ण का जन्म हुआ था
कृष्ण प्रेम मयी राधा
जवाब देंहटाएंराधा प्रेममयो हरी
♫ फ़लक पे झूम रही साँवली घटायें हैं
रंग मेरे गोविन्द का चुरा लाई हैं
रश्मियाँ श्याम के कुण्डल से जब निकलती हैं
गोया आकाश मे बिजलियाँ चमकती हैं
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
जन्माष्टमी की आपको बहुत बहुत बधाईयां
जवाब देंहटाएंब्लाग जगत की दुनिया में आपका स्वागत है। आप बहुत ही अच्छा लिख रहे है। इसी तरह लिखते रहिए और अपने ब्लॉग को आसमान की उचाईयों तक पहुंचाईये मेरी यही शुभकामनाएं है आपके साथ
‘‘ आदत यही बनानी है ज्यादा से ज्यादा(ब्लागों) लोगों तक ट्प्पिणीया अपनी पहुचानी है।’’
हमारे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
मालीगांव
साया
लक्ष्य
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Aur handi todne wali rasm to aap bhool hi gaye....Kisna ka janm isliye bhi to hua tha..
जवाब देंहटाएंi was never aware of this side of yours...
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