दीवान - ऐ - आम
शनिवार, 19 सितंबर 2009
फासले
"कुछ पल हर पल गुज़र जाते हैं, वक्त के दायरे भी कम हो जाते हैं
वो जो सहारा थे कभी, एक याद बन कर रह जाते हैं
जब पास थे हमारे, हम दूर थे उनसे
अब याद हमें जब आते हैं, इस उम्र के फासले बढ़ जाते हैं"
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